परमात्मा की लीला अपरंपार है। वह जो भी करता है इंसान की भलाई के लिए ही करता है। उसके फैसलों पर शक करना हमको परमात्मा से जोड़ता नहीं तोड़ता है। बात 1912 की है
स्कॉटलैंड में एक रोबोट नाम का किसान रहता था। उसके 5 बच्चे थे। उसके मन की यह अभिलाषा थी कि पूरे परिवार के साथ टाइटेनिक लग्जरी क्रूज में जाए। उसने अपने पूरे जीवन की कमाई उस क्रूज़ की टिकट खरीदने में लगा दी। वह ticket non refundable थी। उसने कुल 7 टिकिट खरीदी 5 बच्चों की और दो खुद की और अपनी बीवी की। वह बहुत उत्साहित था। इस टाइटेनिक क्रूज में उसके कुछ मित्र भी आ रहे थे। मगर 7 8 दिन पहले ही एक कुत्ते ने उसके 1 बच्चे को काट लिया। जब उसने अपने उस बच्चे को डॉक्टर को दिखाया तो डॉक्टर ने उसे क्वॉरेंटाइन करने को कहा। बीवी ने रोबोट से कहा कि मैं इधर ही रहती हूं और तुम लोग क्रूज में चले जाओ। मगर रॉबर्ट ने कहा मेरा मन नहीं मानता। अगर हमें जाना होगा तो साथ में ही जाएंगे। क्रूज 10 अप्रैल 1912 को बुधवार के दिन रवाना होने वाला था। और ऐसा ही हुआ। वह हमहैंपशायर से अमेरिका के लिए रवाना हुआ। ठीक 5 दिनों बाद रोबोट ने समाचार जाना कि टाइटेनिक डूब गया है। और उसमें सवार हजार पंद्रह सौ लोग सारे लोगों की मौत हो चुकी है। उसने परमात्मा की लीला का धन्यवाद किया। सबसे पहले तो उसके जेहन में वह कुत्ता ही आया जिसको वह गालियां दे रहा था। उस कुत्ते के कारण ही पूरे परिवार की जान बची। जिंदगी में कोई गिला शिकवा न करें। जीवन में जो होता है ईश्वर की आज्ञा के अनुसार ही होता है। उसके हर कृत्य को blessing और disguise समझते हुए स्वीकार भाव में जीवन को जीना ही सच्ची आस्तिकता है।
‘Sakshi’Narendra@mysticvision.net