मोक्ष क्या है ?

धर्म और अध्यात्म उन गिने-चुने कुछ लोगों की बातें हैं जो स्वयं को दांव पर लगाने के लिए तैयार हों। क्योंकि स्वयं को मिटाए बिना परम का अनुभव नहीं हो सकता ! बूंद अगर स्वयं को मिटाए बिना सागर से मिलना चाहती हो तो यह हो ही नहीं सकता। यह तो हो सकता है कि…

क्या है वास्तविक संन्यास ?

राजनीति में तो धोखा,फरेब और जालसाजी आम बात है। मगर धर्म, अध्यात्म में भी ये कुछ नया नहीं है। आए दिन समाचारों में सुनते पढ़ते हैं राजनेताओं के कारनामे। जब पूरा समाज ही नकारात्मकता से भरा हो तो साधु संत समाज भी कैसे उस से मुक्त रह सकता है। हमने हाल ही में गुरु-शिष्य के…

ATTENTION IS THE FOOD OF EGO

Right from childhood every child learns a technique on how to invite attention from others. A child knows very well that when he gets hurt or when he is unhappy, everybody around him becomes sympathetic and thus he gets attention from them. From the beginning of childhood, the child learns this politics of getting attention.…

NOT TO CHOOSE

All Enlightened Masters put significant importance to Choicelessness Awareness. Introvert and extrovert are the two extremes. Eastern men propagates the theory of inner peace and he is always seen in Meditation searching for his inner being. All Mystics and poets are of this introvert category. On the other side western man is extrovert looking for…