ऊर्जा
दो ही रास्ते हैं ऊर्जा के बहाव के लिए। एक तो है जब आप अपनी जीवन ऊर्जा शरीर और मन के माध्यम से विनाश की ओर ले जाएं। और दूसरा है कि जब आप उसी उर्जा को दिशा दे, आत्मा की ओर मोडे। जब आप अपनी उर्जा को शरीर और मन के द्वारा व्यय करते…
दो ही रास्ते हैं ऊर्जा के बहाव के लिए। एक तो है जब आप अपनी जीवन ऊर्जा शरीर और मन के माध्यम से विनाश की ओर ले जाएं। और दूसरा है कि जब आप उसी उर्जा को दिशा दे, आत्मा की ओर मोडे। जब आप अपनी उर्जा को शरीर और मन के द्वारा व्यय करते…
परमात्मा की तरफ जाने का प्रथम कदम है पूर्णतः शांत होने की अवस्था में आ जाना। जब मन अकम्प हो जाता है तब जो अनुभव है वही है परमात्मा। हमारा चित् इसलिए शांत नहीं होता क्योंकि चित् में कुछ पाने की, कुछ करने की वासनाएं उमड़ती रहती है। जब तक चित् वासनाओं तो से मुक्त…
Khalil Gibran quotes that before entering the sea a river trembles with fear. River looks back at the end from where she has travelled from the peaks of the mountains, the long winding road, crossing forests & villages. And in front of her, she sees an ocean so vast, that to enter there seems nothing…
Discipleship is the most unheard yet most Divine Blessing for the seeker of TRUTH. It is a 360° Transformational process from being a mind cultivated personality to the blossoming of a truly intrinsic ‘beingness’. Discipleship can be a joyous intimacy & a loving warmth for a disciple or it can also be a nourishment to…
व्यक्ति विकास की यात्रा चार चरणों में से होकर गुजरती है। पहला चरण है- नकारात्मकता, दूसरा चरण है- सकारात्मकत, तीसरा है- नकारात्मकता और सकारात्मकता के बीच संतुलन कायम करना और चौथा है- तीनों चरणों से मुक्ति अर्थात साक्षी भाव में स्थित हो जाना। जिसको अध्यात्म के ऋषियों ने मोक्ष, निर्वाण या बुद्धत्व कहा है। अक्सर…