ध्यान
ध्यान ज्ञान और भक्ति का सार है। ध्यान निचोड़ है दोनों का। जिसको भक्त प्रीति कहता है, जिसको ज्ञानी बोध कहता है। ध्यान बोध और प्रीति का निचोड़ है। अगर आपके पास कुछ फूल भक्ति के हैं और कुछ फूल ज्ञान के और दोनों को निचोड़ कर तुमने इत्र बनाया वही है ध्यान। ध्यान भक्त…