धर्म और संस्कृति
धर्म वह है जिसने सबको धारण कर रखा है। धर्म वो मौलिक सत्य का नाम है जिसने सबको संभाला हुआ है। धर्म और संस्कृति दोनों भिन्न हैं। धर्म से संस्कृति का निर्माण नहीं होता। धर्म तो तब अनुभव में आता है जब हम सारी संस्कृतियों का त्याग कर देते हैं। इस पूरे ब्रह्मांड को जिसने…