एक बार की बात है एक राजा अपने मंत्री के साथ रथ पर सवार हो अपने राज्य में भ्रमण के लिए जा रहा था। कुछ दूर जाने पर उसने एक किसान को देखा। वह किसान अपनी पत्नी व बच्चों के साथ बड़े आनंद में था। मानो उसका जीवन संगीत से भरा हो। परिवार के सारे सदस्य प्रेम भरे वातावरण में जी रहे थे। राजा ने जब किसान को खुशनुमा जीवन बिताते हुए देखा तो उसके मन में एक विचार आया। राजा ने रात को एक पोटली में 99 सोने की अशर्फियां ले उस किसान के बरामदे के आगे रख दी। और निश्चय किया की 1 साल के समय के भीतर इनकी परीक्षा ली जाए। सुबह होते ही किसान ने जब उस पोटली को देखा तब उसकी आंखें चौंधिया गई। उसने 99 तो छोड़ कभी एक अशर्फी भी नहीं देखी थ। उसने अपनी पत्नी को वह अशरफिया दिखाई। और उसके मन में विचार आया कि क्यों न अब इन अशरफिया को सौ किया जाए। इस विचार के तहत वह खूब मेहनत करने लगा। दिनभर खेत में रहता मजदूरी करता। इस आशा में कि बहुत सा धन इकट्ठा हो। ताकि वह एक अशरफी खरीद पूरी सौ अशर्फियां इकट्ठी कर ले। ऐसा करते करते उसके जीवन का संगीत जाता रहा। उसका प्रेम का ह्रदय, परिवार के साथ रहने की शांति और घर का आनंदमय वातावरण तनाव, चिंता, परेशानी से भरने लगा। कुछ दिनों बाद पत्नी ने सोचा कि इस तरह तनाव में जीवन नहीं जी सकूंगी। और उसने दो अशरफिया निकाली और उसे बाजार में खर्च कर आई। ताकि जीवन आरामदायक हो। किसान को जब पता चला कि पोटली से 2 अशर्फियां कम है तो वह क्रोधित हो गया। और उसने निश्चय किया अब मुझे एक की बजाए 3 अशर्फियां और इकट्ठी करनी है। कुछ महीनों बाद किसान के बच्चों को मन में आया और बच्चों ने पोटली से दो अशर्फी निकाली। और उसे अपनी जरूरत के लिए उपयोग कर लिया। किसान हर रोज सोने की अशर्फियां गिनता था। जब 95 अशरफिया ही रह गई तो वह चिंता से भर गया। अब कुल मिला 5 अशर्फियों को और इकट्ठा करना था।ऐसे में ही 1 साल बीत गया। राजा और उसका मंत्री फिर उस किसान के झोपड़ी के आगे से निकले। अब उस घर का आनंदमय वातावरण न था। जो प्रेम,आपसी मेलजोल 1 वर्ष पहले था अब उस किसान के परिवार में दूर दूर तक भी दिखाई नहीं देता था। राजा ने अपने मंत्री से कहा तुमने देखा 99 का चक्कर।
हम सब भी जीवन को जीते नहीं है। जीवन हमें जिए जाता है। जीने का आनंद सफर में मजा ले लेना है। मंजिल की चिंता और फिक्र सफर का आनंद छीन लेती है। आपके पास अभी जो है उसमें जीवन का आनंद लेना शुरू कर दें। तभी 99 के चक्कर से मुक्त हो सकेंगे।
‘Sakshi’Narendra@mysticvision.net‘