होश पूर्ण जीवन आपके जीवन में कैसे चमत्कार करता है उसको एक कहानी से समझते हैं। एक राजा था और उसके दो मंत्री थे। एक मंत्री का मानना था कि जीवन में पैसे कमाने के लिए पैसा ही चाहिए। पैसा ही पैसे को लेकर आएगा। और दूसरा मंत्री बहुत बुद्धिमान था और उसके जीवन में ध्यान उतर गया था। उसका मानना यह था की व्यक्ति पैसों से धनवान नहीं बनता, मगर बुद्धि चातुर्य से धनवान बनता है। राजा का स्वयं भी यही मानना था कि जीवन में पैसे लाने के लिए पैसा होना जरूरी है। राजा ने दोनों मंत्रियों को अपने पास बुलाया। और उन्हें यह सिद्ध करने को कहा कि क्या जीवन में पैसों के लिए पैसा जरूरी है या बौद्धिक चातुर्य ? राजा ने दोनों मंत्रियों को 6 महीने का समय दिया। पहले वाले मंत्री को राजा ने 500000 सोने की अशर्फियां दी। और दूसरे मंत्री को राजा ने घोड़े के अस्तबल में रख दिया। उस अस्तबल के अंदर 21 सौ घोड़े थे। दूसरे वाला मंत्री अस्तबल में बैठ रोज घोड़े की लीद को सूंघने लगा। कुछ दिनों तक यह सिलसिला चलता रहा। लोग बड़े परेशान हो गए कि यह मंत्री क्या कर रहा है ? मंत्री को एक विचार सूझा। उसने घोड़े की देखरेख करने वालों को बुलाया और कहा कि मैं रोज घोड़े की लीद सूंघता हूं। राजदरबार से घोड़ों के लिए जो खाना आता है, दाले आती हैं वह चपत हो जाती हैं। और तुम घोड़ों को सिर्फ घास खिलाते हो।मैं तुम्हारी यह शिकायत राजा से करूंगा। यह बात सुन सभी के सभी घबरा गए। उन्होंने मंत्री को कहा यहां इक्कीस सौ घोड़े हैं हम तुमको 21 लाख देते हैं। हमने बहुत कमाया है।और तुम इस बात को यहीं रफा-दफा कर दो। 2 महीने के भीतर ही मंत्री राजा के पास गया और उसने राजा को 2100000 रुपए दे दिए। राजा बड़ा आश्चर्यचकित हो गया। अब उसने दूसरी एक तरकीब अपनाई। उसने मंत्री को समुद्र के किनारे भेज दिया और कहा कि तुम्हारा काम है लहरों को गिनना। राजा का एक बहुत बड़ा बंदरगाह था वहां पर हजारों जहाज रोज आते थे। मंत्री को एक तरकीब सूझी। उसने जहाज के कैप्टन को कहा कि राजा का हुक्म है कि जब तुम हमारी सीमा में आते हो तो लहर टूटनी नहीं चाहिए। मैं तुम्हारी शिकायत राजा से करूंगा। सारे जहाजों के कप्तान घबरा गए।और कहा कि तुम एक करोड़ रुपया ले लो। कृपया हमारी शिकायत मत लगाना। मंत्री एक करोड रुपए ले राजा के पास चला गया। राजा तो अब ओर विस्मय में पड़ गया। राजा ने अब और तरकीब लगाई। उसने मंत्री को कहा की जाओ आसमान में तारे गिनो। मंत्री जहां बड़ी बड़ी ऊंची इमारतें थी उस इलाके में रोज रात को जाता। एक दिन उसे विचार आया उसने ऊंची इमारत में रहने वाले लोगों को बुलाया और कहा कि तुम्हारी इमारतों को तोड़ा जाएगा राजा ने मुझे तारे गिनने के लिए कहा है। और मैं तुम्हारी ऊंची इमारतों के कारण तारे गिन नहीं पा रहा हूं। सारे धनी घबरा गए। उन्होंने मंत्री को कहा कि आप हमारी शिकायत न करें और हम तुम्हें 100 करोड रुपए देते हैं। राजा से कहिएगा कि आप तारे गिन सकते हो। मंत्री पुनः पैसे ले राजा के पास गया। मंत्री की बुद्धि कौशल्य देख राजा दंग रह गया। और यह सिद्ध हो गया कि पैसा पैसे को नहीं, अपितु व्यक्ति के भीतर बुद्धि का होना पैसे को जीवन में लेकर आता है।
‘Sakshi’Narendra@mysticvision.net