THE REAL PRAYER

The word ‘Prayer’ gives a wrong connotation & then it’s uttering becomes a Mechanical ritual. The real word should be ‘Prayerfulness’. For a common man, the word prayer simply means sitting in front of an idol or a murti with a list of his demands. This is to convey the message to the Gods that…

ANGER

Psycho Analysts advocate Five Instances when you should avoid Anger. First, when you start for the office it is always advisable not to be in anger because if you do so then the whole day you will be in the same feeling. Second important instance when you need to avoid anger is when you return…

‘साक्षी’ की साधना

मोक्ष की तरफ जाने के लिए ज्ञान साधन है। मगर ध्यान रहे ऐसा ज्ञान जो आपको सत्य की ओर ले जाए वही सही अर्थों में ज्ञान है। ज्ञान दो प्रकार के होते हैं- एक वो जिसमें आपको कुछ सिद्धांत सिखाए जाते हैं। जो ज्ञान आपको सिद्धांत सिखाएं वह उधार का ज्ञान है, दो कौड़ी का…

तेरी मर्जी

दुनिया में सबसे ज्यादा दी जानेवाली चीज यदि कोई है तो वो है सलाह और दुनिया में सबसे कम ली जानेवाली चीज भी सलाह है। Mystic Vision YouTube Channel के माध्यम से मेरा मकसद आपको कोई सलाह देना नहीं है । कोई ज्ञान बांटना नहीं है । इसके लिए तो गूगल गुरु ही काफी है…

क्षितिज

इस पृथ्वी पर हम वस्तुतः है नहीं। हमारे होने का हमें आभास होता है क्योंकि देह ने घर कर लिया है मगर देह हमारा घर नहीं। हमारा स्वभाव आत्मा का है- आकाश का। शरीर है पृथ्वी, आत्मा है आकाश। हम शरीर और आत्मा का बेजोड़ मिलन है। पृथ्वी और आकाश आभासित तो होते हैं कि…

रसो वैसा

जिसे यह बोध ही नहीं – ‘मैं कौन हूं’ वह जो भी कुछ करेगा गलत ही करेगा। वास्तविक जीवन की यात्रा ‘मैं कौन हूं’ के जानने के बाद ही शुरू होती है और तभी सच्चे अर्थों में सफलता मिलती है। बेहोशी में उठाया गया हर कृत्य असफलता को लेकर आएगा। ये निश्चित है। क्षणिक सफलता…

गुरु और मोटिवेशनल ट्रेनर में फर्क

गुरु के पास होना मृत्यु के पास होना है । सही सुना आपने । मैं आपसे फिर दौराह दू। गुरु के पास होना मृत्यु के पास होना है । गुरु के पास होना तपस्चर्या है । हिमालय पर जा घर बार छोड़ साधना तपस्या करनी तो आसान है मगर घर में ही रहकर अपनी सारी…

COSMIC DANCE

यदि इंसान दुखों से मुक्त नहीं हो पा रहा तो उसके पीछे का कारण कुछ और नहीं वह स्वयं है। वह अपने मन से मुक्त होना नहीं चाहता। या यूं कहें वह दुखों से मुक्त होना नहीं चाहता। कोई भी व्यक्ति क्षण भर में ही अपने सारे दुखों से मुक्त हो सकता है और पूर्ण…

रसो वैसा

जिसे यह बोध ही नहीं – ‘मैं कौन हूं’ वह जो भी कुछ करेगा गलत ही करेगा। वास्तविक जीवन की यात्रा ‘मैं कौन हूं’ के जानने के बाद ही शुरू होती है और तभी सच्चे अर्थों में सफलता मिलती है। बेहोशी में उठाया गया हर कृत्य असफलता को लेकर आएगा। ये निश्चित है। क्षणिक सफलता…

ज्ञान और प्रेम

ज्ञानी कभी परमात्मा को नहीं जान सकता। सिर्फ प्रेमी ही परमात्मा को जान सकता है। ज्ञानी तो उलझा रहता है शास्त्रों को कंठस्थ करने में, तर्क, वितर्क में और अपनी बौद्धिकता में। प्रेम द्वार है परमात्मा का। ज्ञानी प्रेम से नहीं, शास्त्रों से परमात्मा को जानना चाहता है। परमात्मा को जानना है मन के पार…