ठहरो और पा लो…
अपने चारों ओर नजर घुमाओ । लोग भागते हुए नजर आएंगे। जरा उन्हें रोककर कोई पूछे भाई क्यों भाग रहे हो ? उससे जवाब ना पा सकोगे ! व्यक्ति सुबह से शाम तक बेमतलब से भागा जा रहा है। कोई दो कमरे के मकान में रह रहा है , खुश है मगर भाग रहा है।…
अपने चारों ओर नजर घुमाओ । लोग भागते हुए नजर आएंगे। जरा उन्हें रोककर कोई पूछे भाई क्यों भाग रहे हो ? उससे जवाब ना पा सकोगे ! व्यक्ति सुबह से शाम तक बेमतलब से भागा जा रहा है। कोई दो कमरे के मकान में रह रहा है , खुश है मगर भाग रहा है।…
Zen Masters advocate knowing one’s beingness as the only authentic Alchemy. To experience the Buddha within is what entering the world of Zen means. This entering is without doors. Outward world needs a door to move from one room to another. Inward journey needs no door, it is a doorless journey. More so, inward Journey…
वह इंसान जो जितना छोड़ने को राज़ी है असल में वही इंसान कई गुना पाने का भी हकदार है। और कमाल की बात है कि जो ऐसे त्याग को तैयार है उसे सबकुछ स्वतः ही प्राप्त होने लगता है । बिन मांगे, बिन कहे जादुई तरीके से। बात दो दोस्तों की है। वह आपस में…
जीवन में नकारात्मकता से भरा हुआ चित् स्वत: ही असफलता और विनाश को उपलब्ध होता है। शुभ भावनाओं और सकारात्मकता से भरा हुआ चित् बड़ी से बड़ी कठिनाइयों के रहते भी, चुनौतियों के अंदर भी आशा को ढूंढ लेता है। यह बात है चीन की, जहां पर एक सम्राट हुआ। उसके राज्य में एक प्रसिद्ध…
Don’t take Life Seriously. It is just a Drama. Nothing less, nothing more. When you tend to take life seriously, you get disassociated with the Inner Self. Denial of the Inner core creates an artificial center of Existence. Since this center never existed nor can ever exist, it is bound to be a Pseudo Centre.…
Crisis in life is important. Do not ignore them. Rather Celebrate them and move ahead with your own individuality. Crisis are not to disturb our lives. But they happen to make our lives more meaningful & enjoyable. So Celebrate crisis. Celebrate bad moments in Life. Do not run away from them. There are two kinds…
अपने चारों ओर नजर घुमाओ । लोग भागते हुए नजर आएंगे। जरा उन्हें रोककर कोई पूछे भाई क्यों भाग रहे हो ? उससे जवाब ना पा सकोगे ! व्यक्ति सुबह से शाम तक बेमतलब से भागा जा रहा है। कोई दो कमरे के मकान में रह रहा है , खुश है मगर भाग रहा है।…
दो ही रास्ते हैं ऊर्जा के बहाव के लिए। एक तो है जब आप अपनी जीवन ऊर्जा शरीर और मन के माध्यम से विनाश की ओर ले जाएं। और दूसरा है कि जब आप उसी उर्जा को दिशा दे, आत्मा की ओर मोडे। जब आप अपनी उर्जा को शरीर और मन के द्वारा व्यय करते…
परमात्मा की तरफ जाने का प्रथम कदम है पूर्णतः शांत होने की अवस्था में आ जाना। जब मन अकम्प हो जाता है तब जो अनुभव है वही है परमात्मा। हमारा चित् इसलिए शांत नहीं होता क्योंकि चित् में कुछ पाने की, कुछ करने की वासनाएं उमड़ती रहती है। जब तक चित् वासनाओं तो से मुक्त…
Khalil Gibran quotes that before entering the sea a river trembles with fear. River looks back at the end from where she has travelled from the peaks of the mountains, the long winding road, crossing forests & villages. And in front of her, she sees an ocean so vast, that to enter there seems nothing…