मुगले आज़म

जीवन में Dedication आपको निश्चय ही सफलता दिलाता है। K.Asif की Mughal-e-Azam किसने नहीं देखी होगी। उसके कई गाने- प्यार किया तो डरना क्या, मोहब्बत जिंदा रहती है आज भी हमारे कानों में गूंजते हैं। K.Asif ने इतनी लग्न से इस फिल्म को बनाया कि कलाकारों के costume सिलवाने के लिए कारीगर दिल्ली से लाए…

चमत्कार

होश पूर्ण जीवन आपके जीवन में कैसे चमत्कार करता है उसको एक कहानी से समझते हैं। एक राजा था और उसके दो मंत्री थे। एक मंत्री का मानना था कि जीवन में पैसे कमाने के लिए पैसा ही चाहिए। पैसा ही पैसे को लेकर आएगा। और दूसरा मंत्री बहुत बुद्धिमान था और उसके जीवन में…

2 Minutes Break

Every child is born pure, virgin & blissful. As the child grows older he starts identifying himself with Mind, body, emotions & start losing his true nature. This results in attracting innumerable miseries in life. Because the child is now detached from his true nature ,a feeling of doership arises in him. This feeling of…

भाग्य

भाग्य के सिद्धांत को गलत तरीके से समझा और देखा गया है। भाग्य का सिद्धांत कहता है सब अपने आप हो रहा है। इसका मतलब यह नहीं कि आप निष्क्रिय हो जाए। भाग्य का सिद्धांत कहता है कि आप अपने आत्यंतिक केंद्र पर पहुंच जाएं। आप जान लें कि आप कौन हैं। भाग्य का सिद्धांत…

99 का चक्कर

एक बार की बात है एक राजा अपने मंत्री के साथ रथ पर सवार हो अपने राज्य में भ्रमण के लिए जा रहा था। कुछ दूर जाने पर उसने एक किसान को देखा। वह किसान अपनी पत्नी व बच्चों के साथ बड़े आनंद में था। मानो उसका जीवन संगीत से भरा हो। परिवार के सारे…

विचार जीवन बनाता है।

बुद्ध के स्वर्णिम वचन हैं – आपका हर विचार आपका जीवन बनाता है। आप अपने विचारों पर ध्यान दें क्योंकि आपके विचारों से ही आपके जीवन का निर्माण होता है। एक कुंभार चाक पर मिट्टी को रौंद रहा था। उसकी पत्नी आई पत्नी ने पूछा क्या बना रहे हो ? कुंभार ने जवाब दिया –…

Identification

‘Identification’ with the problem is the root cause of all our Life Problems. This Identification starts the very first time in the childhood of a child when he or she utters the word “NO” for the first time. Mother asks the child to eat something which the child doesn’t like and the child expresses his…

एको दृष्टासी सर्वस्य

अष्टावक्र कहते हैं एको दृष्टासी सर्वस्य । अर्थात तू सर्व का दृष्टा है । तू सर्वदा मुक्त है । तेरा बंधन तो यह है कि तू स्वयं को छोड़ दूसरों को दृष्टा देखता है । व्यक्ति दृश्य नहीं दृष्टा है। दृष्टा वह है जिसकी दृष्टि स्वयं पर है। यदि व्यक्ति दूसरों की आंखों का दर्पण…

परमात्मा की लीला

परमात्मा की लीला अपरंपार है। वह जो भी करता है इंसान की भलाई के लिए ही करता है। उसके फैसलों पर शक करना हमको परमात्मा से जोड़ता नहीं तोड़ता है। बात 1912 की है स्कॉटलैंड में एक रोबोट नाम का किसान रहता था। उसके 5 बच्चे थे। उसके मन की यह अभिलाषा थी कि पूरे…