भयमुक्त कैसे हों ?
भयमुक्त चित ही परमात्मा को पा सकता है। परमात्मा यानी आनंद। यानी भय मुक्त चित् आनंद को पा सकता है। एक फकीर भय मुक्ति की इस अवस्था को पाने के लिए घने जंगल में गया। उसने जंगल में एक कुटिया बनाई। बीहड़ जंगल में डरावने डरावने जानवरों के बीच वह उस कुटीर में रहने लगा।…